- 1 प्रस्तुति
- 2 हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej 2025)
- 3 हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) कब है
- 4 हरियाली तीज व हरतालिका तीज में अंतर
- 5 हरियाली तीज व्रत के नियम
- 6 हरियाली तीज व्रत पूजन विधि (Hariyali Teej 2025 Complete Guide)
- 7 हरियाली तीज के लिए पूजन सामग्री (Hariyali Teej 2025)
- 8 व्रत (Hariyali Teej 2025) में बनाएं खास भोग
प्रस्तुति
Hariyali Teej 2025 Complete Guide: हरियाली तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है इसे आमतौर पर कुंवारी कन्याएं और विवाहित महिलाएं करती हैं। यह वैवाहिक सुख का प्रतीक के रूप में त्यौहार को मनाया जाता है यह त्यौहार पति की लंबी आयु उनके अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना करते हुए महिलाएं व्रत रखती हैं। यह त्यौहार मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में मुख्य रूप से मनाया जाता है यह देश के उत्तर भाग का एक प्रसिद्ध त्यौहार है।
हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej 2025)
हरियाली तीज को शिव और पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है यह वह दिन है जब भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसके लिए माता पार्वती ने कई वर्षों तक उपवास और कठोर तपस्या करके अपने 108 में जन्म में शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से पार्वती जी को तीजा माता के नाम से जाना जाने लगा।
इस दिन महिलाएं दिनभर उपवास कर विशेष पूजन अर्चन करती हैं वे नई दुल्हन के समान श्रृंगार करती हैं हरी साड़ी, हरी चूड़ी, हरी बिंदी, सिंदूर, आलता , मेहंदी इन सभी से श्रृंगार किया जाता है। इन सभी चीजों का अपना विशेष महत्व है। इनके हरा रंग होने के पीछे का कारण है की हर रंग सौभाग्य और हर्ष उल्लास का प्रतीक माना जाता है।
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) कब है
हरियाली तीज को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है यह विवाहित महिलाओं का विशेष त्यौहार है। सावन में जब संपूर्ण प्रकृति में चारों तरफ हरियाली छा जाती है तो इस अवसर पर महिलाएं भी प्रकृति के रंग में खुद को रंग लेती हैं और वह भी प्रकृति के समान श्रृंगार करती हैं। इस वर्ष हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी।
हरियाली तीज व हरतालिका तीज में अंतर
हरियाली तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने कठोर तपस्या करके कई जन्म बिताने के बाद लगभग 108 में जन्म पर भगवान शिव को पति रूप में स्वीकार किया था तभी से यह व्रत पति की लंबी आयु व वैवाहिक जीवन के सुखद होने का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

इसकी जगह पर हरतालिका तीज का व्रत कठिन व्रत में गिना जाता है। मान्यता ऐसी है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए घर वन में तपस्या की थी। उन्होंने भगवान शिव के बालू का एक शिवलिंग बनाया जिसे हम पार्थिव शिवलिंग कहते हैं और उनका पूजन किया पौराणिक कथाओं के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत माता पार्वती ने सबसे पहले रखा था यह व्रत उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए किया था। साथ ही यह व्रत सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य और सफल वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं इस दिन वे अन्न, जल ग्रहण नहीं करती हैं।
हरियाली तीज व्रत के नियम
अगर आप पहली बार हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) कर रहे हैं तो विशेष नियमों को ध्यान में रखें व्रत वाले दिन किसी भी तरह का नशा, मादक पदार्थों का सेवन न करें। किसी व्यक्ति से झगड़ा झंझट अपशब्द कहना व्रत के नियमों के विरुद्ध है। व्रत के दिन नमक का सेवन न करें सामर्थ अनुसार व्रत रखें अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख सकते हैं तो फलों का सेवन करें यथा शक्ति तथा भक्ति का ध्यान रखें।
व्रत करने के लिए साफ वस्त्र पहने इस दिन आप हरी साड़ी, हरी चूड़ी, हरी बिंदी, मेहंदी, अलता लगाकर पूर्ण श्रृंगार करें व महादेव और देवी पार्वती का पूजन अर्चन करें। व्रत वाले दिन, दिन में सोना नहीं चाहिए इस दिन प्रातः काल ही उठकर स्नान ध्यान कर पूजन करना चाहिए। व्रत पूर्ण हो जाने के बाद यथाशक्ति दान करना चाहिए दान में आप अनाज का दान जरूर करें।

इन पांच चीजों का दान करने से सुख समृद्धि आती है साथ ही सौभाग्य में वृद्धि होती है।
1. इस दिन सुहागन स्त्रियों को सोलह श्रृंगार का दान करना चाहिए ऐसा माना जाता है की सोलह श्रृंगार का दान करने से माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है जीवन में सुख समृद्धि आती है सौभाग्य में वृद्धि होती है।
2. हरियाली तीज (Hariyali Teej 2025) के दिन चावल और गेहूं का दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है गेहूं के दान को सोने के दान के समान माना जाता है इसलिए चावल और गेहूं का दान अत्यंत ही शुभ होता है।
3. इस दिन वस्त्र का दान जरूर करना चाहिए साथ में फल और मिठाईयां को दान देने से घर में सुख शांति आती है तरक्की के मार्ग खुलते हैं। भगवान का शुभ धन्यवाद करें कि उन्होंने आपको देने वालों की श्रेणी में रखा है इसलिए दान करते वक्त संकोच न करें।
4. ऐसा माना जाता है इस दिन उड़द की दाल का सामर्थ अनुसार दान करना चाहिए जिन लोगों को धन से जुड़ी समस्या होती है उन्हें उड़द का दाल दान करने से उन परेशानियों से छुटकारा मिलता है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हरियाली तीज व्रत पूजन विधि (Hariyali Teej 2025 Complete Guide)
1. हरियाली तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में ही उठना चाहिए और उठकर स्नान करना चाहिए।
2. इस दिन धुले हुए साफ वस्त्र पहने वस्त्र में हरे रंग का प्रयोग करें।
3. सुहागन महिलाओं को इस दिन हरी साड़ी, हरी चूड़ी और संपूर्ण सोलह श्रृंगार जरूर करना चाहिए हाथों में मेहंदी लगाएं, पैरों में अलता।

4. पूजा घर की साफ सफाई करें इस दिन भगवान शिव माता पार्वती के साथ-साथ गणेश भगवान की पूजा करें अगर मंदिर नजदीक हो तो मंदिर जरूर जाएं पूजन अर्चन करें।
5. इस दिन (Hariyali Teej 2025) पूरे दिन व्रत करें व्रत में नियमों का पालन करें।
6. अगर घर पर पूजा कर रहे हो तो पूजा की चौकी तैयार करें उस पर पीला वस्त्र बिछाएं। भगवान की मूर्तियां स्थापित करें मूर्ति ना हो तो तस्वीर रखें उन्हें वस्त्र पहनाएं पूजन सामग्री अर्पित करें।
7. देव पूजन करने के बाद हरियाली तीज की कथा सुनें और आरती करें। परिवार के सभी लोगों को आरती में सम्मिलित करें।
8. पूजन समाप्त करने के बाद महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें और उनसे प्रार्थना करें हमारा जीवन सुखमय हो सौभाग्य की प्राप्ति हो, सुख समृद्धि एवं शांति मिले।
हरियाली तीज के लिए पूजन सामग्री (Hariyali Teej 2025)
. पीला वस्त्र, कच्चा सूत, केले के पत्ते, बेलपत्र, भांग, शमी के पत्ते, धतूरा, जनेऊ, चावल अरवा, जटा नारियल, दुर्वा घास, घी, फल, फूल, अबीर गुलाल, कपूर, नारियल, गाय का दूध, दही, गंगाजल, चंदन, मिश्री, शहद, पंचामृत, सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, महावर, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण, इत्र, साड़ी अथवा वस्त्र
व्रत (Hariyali Teej 2025) में बनाएं खास भोग
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