Great Independence Day of 2025 | स्वतंत्रता दिवस सिर्फ सेलिब्रेशन नहीं बल्कि सम्मान और वीरों को याद करने का दिन है

प्रस्तुति 

Great Independence Day of 2025: इस वर्ष हम भारत की आजादी का 79 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं पर इस तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हम इतने व्यस्त हो गए हैं कि देश से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं और भावनाओं को धीरे-धीरे भूलने लगे हैं। ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि हम थोड़ा वक़्त निकालकर अपनी आज़ादी की कहानी और उन महान लोगों को याद करें जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई।  

भारत ने करीब 200 वर्षों तक अंग्रेज़ों की गुलामी सही और उसके बाद लंबा संघर्ष कर आज़ादी हासिल की। लेकिन आज हम इतने मसरूफ़ हो चुके हैं कि उन बलिदानी वीरों और वीरांगनाओं को ठीक से सम्मान तक नहीं दे पा रहे।  

आज़ादी के दिन लोग सिर्फ़ सोशल मीडिया पर स्टेटस लगाने, तिरंगे के साथ सेल्फ़ी लेने और तस्वीरें पोस्ट करने तक सीमित रह गए हैं। जबकि इस दिन का असली मकसद है – उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना हमें आज़ादी दिलाई। चलिए एक नाटक छोटा नाटक – “आज़ादी की कीमत” के माध्यम से जानते हैं कैसे बदलते वक्त ने हमें इतना मसरूफ कर दिया है कि हम ठीक से स्वतंत्रता दिवस जैसे महान ऐतिहासिक दिन को एक सेलिब्रेशन दिन बना दिए हैं। आइए जानते हैं आज़ादी की कीमत को नाटक के द्वारा।  

Great Independence Day of 2025

छोटा नाटक – “आज़ादी की कीमत”

पात्र

1. राम – आज़ादी के समय का युवा स्वतंत्रता सेनानी

2. सीमा – राम की बहन

3. अंग्रेज़ अफसर

4. वर्तमान समय का छात्र

5. वर्णनकर्ता (Narrator)

स्थान मंच पर आधा भाग 1947 का दृश्य, आधा भाग वर्तमान का दृश्य दिखाया जा सकता है।

दृश्य 1 – 1947 का समय

वर्णनकर्ता

“ये कहानी है उन वीरों की, जिन्होंने हँसते-हँसते देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।”

(राम हाथ में तिरंगा लिए आता है, सीमा रोते हुए)

सीमा: भाई, मत जाओ, अंग्रेज़ बहुत निर्दयी हैं।

राम: बहन, अगर मैं नहीं जाऊँगा, तो आने वाली पीढ़ी कैद में रहेगी। मुझे जाना ही होगा।

अंग्रेज़ अफसर (आकर): अरे पकड़ लो इसे! ये बगावत फैला रहा है!

(सैनिक पकड़ते हैं, राम नारा लगाता है)

राम: “इंकलाब ज़िंदाबाद! भारत माता की जय!”

(अफसर गोली चलाता है, राम गिर जाता है)

दृश्य 2 – वर्तमान समय

वर्णनकर्ता

“साल 2025… देश आज़ाद है, लेकिन क्या हम उस कुर्बानी को याद रखते हैं?”

(एक छात्र मोबाइल में व्यस्त, तिरंगे की तरफ ध्यान नहीं)

छात्र: छुट्टी है, मौज करेंगे!

(सीमा जैसी कोई महिला आती है, पुराना तिरंगा दिखाती है)

महिला: बेटा, ये उस राम का तिरंगा है, जिसने तुम्हारी आज़ादी के लिए जान दी थी।

छात्र (सिर झुकाकर): मैं वादा करता हूँ, मैं इस आज़ादी का सम्मान करूँगा।

ठीक इसी छात्र की तरह हम सभी भी कहीं ना कहीं उन वीर और वीरांगनाओं के बलिदान को भूल चुके हैं और स्वतंत्रता दिवस को केवल सेलिब्रेशन की तरह मानने लगे हैं। आज हमें इस जागरूकता को फैलाने की जरूरत है इसके लिए नुक्कड़ नाटकों की सहायता लेकर और सोशल मीडिया में ट्रेंड चलकर सभी को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है कि लोग घरों से बाहर निकले चौराहों पर इकट्ठे हो और उन महापुरुषों को याद करें उन्हें सम्मान और श्रद्धांजलि दें। छोटा नाटक – “आज़ादी की कीमत” यह नाटक हमें आज़ादी का सम्मान करना सिखाता हे

Great Independence Day of 2025

भाषण को आकर्षक बनाने के लिए कुछ शायरियां

1. कुछ नशा तिरंगे की आन का है,

कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,

हम लहराएँगे हर जगह ये झंडा,

क्योंकि हमें गर्व हिंदुस्तान का है। 

2. वो जंग भी क्या जंग थी,

जहाँ बेटों ने हँसकर मौत को गले लगाया,

आज उसी कुर्बानी की बदौलत

हमने आज़ादी का सूरज पाया।

3. अगर देशभक्ति दिल में हो,

तो डर नाम की चीज़ नहीं होती,

और अगर तिरंगा हाथ में हो,

तो हार नाम की चीज़ नहीं होती।

Great Independence Day of 2025

भारत की आजादी की कहानी Great Independence Day of 2025

आइए जानते हैं भारत की आजादी की कहानी, हमारा देश भारत जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था पर ऐसा नहीं है कि सिर्फ कहा ही जाता था हकीकत में भी हमारा देश सोने की चिड़िया ही थी हमारे यहां सोने के सिक्के चलते थे चारों ओर खुशियली हरियाली फैली हुई थी फिर एक दिन ऐसा आया जब अंग्रेज हमारे देश में आए व्यापार के इरादे से पर उनका असल इरादा तो कुछ और ही था।

 उन्होंने राजाओं से व्यापार की अनुमति मांगी और अपना व्यापार शुरू किया धीरे-धीरे हुए राजाओं के बीच फूट डालने लगे जिससे एक राजा दूसरे राजा का स्वत ही दुश्मन बनने लगा और तो और इन्होंने हमारे मंत्रियों और राजा के सलाहकारों को फोड़ना शुरू कर दिया इस तरह इन्होंने घर के भेदी को 4-4 कर धीरे-धीरे राजाओं के बीच में युद्ध करवा दिए और धीरे-धीरे राज्यों को अपने नियंत्रण में लेने लगे।

 फिर उन्होंने सोचा क्यों ना हम ही यहां के राजा बन जाए इस तरह से उन्होंने दो-दो राजाओं के बीच में युद्ध करवरकर स्वता ही वहां के मालिक बन गए लेकिन आम जनता उनके विरुद्ध ना हो जाए इसके लिए उन्होंने अपने चमचों जिन्हें वे राजाओं से फोड़े थे उन्हें ही राजा बनने लगे इससे कठपुतली सरकार का निर्माण होने लगा फिर जन जन तक ये बातें आज की तरफ फैलने लगी लोगों में विद्रोह की भावना जागी और इस चिंगारी को हवा दी 1857 के सिपाही विद्रोह ने और इस चिंगारी ने चारों तरफ आंदोलन का भाव रख दिया।

फिर आया 1920 का असहयोग आंदोलन जिसमें लोगों ने अंग्रेजी सरकार को सहयोग देने से इनकार कर दिया धीरे-धीरे स्वतंत्रता का आंदोलन और आगे बढ़ा और समय आया 1930 का जब महात्मा गांधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई इसमें विनय के साथ लोगों ने अंग्रेजी सरकार के आज्ञा मानने से इनकार कर दिया धीरे-धीरे लोगों में उत्साह जगा और स्वतंत्रता की आग जलने लगी।

भारत छोड़ो आंदोलन के बारे में और अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें !

धीरे-धीरे समय बिता और आजादी की लड़ाई बढ़ने लगी पूरे देश में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ 1942 ईस्वी में महात्मा गांधी भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस बाल गंगाधर तिलक रानी लक्ष्मीबाई और उन हजारों वीरो वीरांगनाओं ने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। तो यह थी भारत की आजादी की कहानी जिसे सुन कर हर भारतवासी गर्व महसूस करता है

तब कहीं जाकर 15 अगस्त 1947 ई को भारत इन अंग्रेजों से आजाद हुआ इस बलिदान और संघर्ष के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और संपूर्ण देशवासियों को संबोधित किया। हमें यह स्वतंत्रता इतनी आसानी से नहीं मिली इसके लिए लाखों लोगों ने अपने जान गवाई है उनके खून से रेंज इस दिन को हमें सदैव स्मरण रखना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए।

इस स्वतंत्रता दिवस पर स्वादिष्ट मिठाईयां बनाने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

Loved by Locals, Missed by Many – The Charm of Imarti | ट्रेडिशनल टेस्ट ऑफ इमरती

2-Ingredient Soft Kalakand Recipe – Quick & Easy | होममेड स्पंजी कलाकंद

No More Failure Make Delectable Coconut Laddu in 10 Min | सावन सोमवारी को बनाएं खास – झटपट बनाएं नारियल के लड्डू, स्वाद और श्रद्धा दोनों से भरपूर

आइए, इस स्वतंत्रता दिवस Great Independence Day of 2025 पर संकल्प लें कि सिर्फ़ सेलिब्रेशन ही नहीं, बल्कि श्रद्धा और सम्मान से भी इस दिन को मनाएंगे और देश के लिए अपने कर्तव्यों को समझेंगे। लिए सब मिलकर एक बार जोर से नारा लगाए जय हिंद! जय भारत! वंदे मातरम।

WhatsApp Channel
Join Now
Telegram Group
Join Now

Leave a Comment