प्रस्तुति
Ganesh Chaturthi 2025, गणेश चतुर्थी व्रत की संपूर्ण जानकारी: हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक है गणेश चतुर्थी और गणेश उत्सव का त्यौहार इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। यह त्यौहार पूर्णतः गणेश भगवान पर समर्पित है और इसे 10 दिनों तक मनाया जाता है। वैसे तो उसे देश भर के सभी राज्यों में बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र का गणेश सारे देश में प्रसिद्ध है इसे देखने के लिए लोग विदेश से भी आते हैं।
लोगों के पड़ी भीड़ देखने को मिलती है इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति घर लाकर विधि विधान से उनकी मंदिर में स्थापना कर पूजन अर्चन किया जाता है 10 दिनों तक भगवान गणेश की किसी विशेष अतिथि के रूप में सेवा पूजा की जाती है उनका प्रिय मोडक और मिठाइयां बनाई जाती है। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी व्रत और पूजन का शुभ मुहूर्त, गणेश चतुर्थी और गणेश जयंती के बीच अंतर, व्रत से जुड़े रीति रिवाज और गणेश चतुर्थी पर घर पर स्वादिष्ट मिठाइयां के बारे में।
गणेश चतुर्थी व्रत और पूजन का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी का व्रत भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर 10 दिनों के लिए भ्रमण हेतु अवतरित होते हैं और वह अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इन 10 दिनों के लिए भगवान कैलाश पर्वत से पृथ्वी की ओर आते हैं और वापस 11 वें दिन कैलाश पर्वत लौट जाते हैं और इतने दिनों के लिए वे हमारे प्रिय और विशेष अतिथि हैं।

गणेश चतुर्थी व्रत और पूजन का शुभ मुहूर्त – इस वर्ष गणेश चतुर्थी का व्रत 13 अगस्त 2025 को पड़ रहा है। पूजन का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 40 मिनट का है जो की दिन में 11:05 से दोपहर के 1:40 तक रहेगा। यह पूजन 10 दिनों तक होता है सभी श्रद्धालु भगवान की 10 दिनों तक बहुत ही प्रेम से सेवा पूजा करते हैं उनका प्रिय भोग मोदक, पेड़े, पूरनपोली और कई तरह की मिठाइयां बनाई जाती है साथ ही इनका भोग लगाया जाता है पूजन, आरती होती है और 11 वें दिन भगवान को विसर्जित कर देते हैं।
गणेश चतुर्थी और गणेश जयंती के बीच अंतर
गणेश चतुर्थी और गणेश जयंती के बीच अंतर – गणेश जयंती माघ मास में मनाई जाती है जो की अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जनवरी या फरवरी के माह में पड़ता है इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इन्हें माता पार्वती ने अपने तन की चंदन से बनाया था और उन्हें आज्ञा दी कि जब तक वह स्नान करेंगी वह बाहर पहरा देंगे और किसी को भी भीतर प्रवेश न करने दें। ठीक उसी समय महादेव माता से मिलने आते हैं तो भगवान गणेश उन्हें मिलने से रोकते हैं।
ऐसे में उनकी महादेव के साथ बहस हो जाती है जिस पर महादेव क्रोध में आकर उनका शीश काट देते हैं और यह सब देखकर माता क्रोधित हो जाती है और वह मां काली का रूप ले लेती हैं। और इस संसार को विनाश करने की बात कहती है इस पर सभी देवता और महादेव मिलकर माता को शांत करते हैं और महादेव उन्हें कहते हैं कि मैं तुम्हारे पुत्र को फिर से जीवन दान दूंगा।

किंतु मैं उस शीश को दोबारा से नहीं जोड़ सकता जो मेरी त्रिशूल से कट जाए अगर इसके स्थान पर किसी अन्य पशु का शीश लाया जाए तो मैं उसे जोड़कर गणेश को दोबारा से जीवन दान दे सकता हूं। इसके लिए किसी हाथी के सर को लाकर भगवान गणेश के कटे सिर के स्थान पर जोर देंगे और वह ऐसा करते हैं इसके बाद माता शांत हो जाती हैं और इस दिन से भगवान गणेश का नाम गजानन भी पड़ जाता है तभी से यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे महाराष्ट्र और कर्नाटक में धूमधाम से मनाया जाता है वैसे तो यह हर एक राज्य में मनाया जाता है पर महाराष्ट्र में विशेष रूप से यह पूजा 10 दिनों तक मनाई जाती है और लोग इसे देखने के लिए विदेश से भी आते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश 10 दिनों के लिए कैलाश पर्वत से पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आते हैं 10 दिनों तक भ्रमण करने के बाद वह वापस कैलाश पर्वत चले जाते हैं।
व्रत से जुड़े रीति रिवाज
1. गणेश चतुर्थी की तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है मूर्तिकार महीनों पहले से ही भगवान गणेश की सुंदर मूर्तियां बनाने लग जाते हैं। वह कई आकर के अलग-अलग थीम पर आधारित मूर्तियां बनाते हैं साथ ही साथ शहर को सजाने का भी काम शुरू हो जाता है।
2. जब गणेश चतुर्थी का समय आता है तो लोग भगवान की प्रतिमा को अपने घर की मंदिर पर विराजमान करते हैं प्राण प्रतिष्ठा कराई जाती है जिस दौरान अनुष्ठान करके प्रतिमा में भगवान को विराजमान किया जाता है इसके बाद 10 दिनों तक लगातार भगवान का पूजन अर्चन होता है संध्या और प्रातः समय आरती होती है प्रसाद बांटा जाता है।
3. लोग दूर-दूर से इस त्यौहार को देखने के लिए महाराष्ट्र आते हैं विदेश से भी कई पर्यटक गणेश चतुर्थी का त्योहार देखने आते हैं लोगों की बहुत भीड़ रहती है जुलूस आदी निकाले जाते हैं। गणपति बप्पा मोरया के मंत्र उच्चारण से पूरा महाराष्ट्र गूंज उठता है। चारों तरफ भगवान गणेश की हर्षौल्लास से पूजा की जाती है इन दिनों बाजारों में बड़ी रौनक देखने को मिलती है ऐसा भी कहा जाता है कि कोई भूखा ना सोए इसके लिए भगवान स्वयं को भी बेच देते हैं बाजारों में।

4. 10 दिनों की लगातार पूजा के बाद 11 दिन विधि विधान से गणेश चतुर्थी के पूजा का समापन होता है और प्रतिमाओं को नृत्य गायन के साथ बाजारों में घुमाया जाता है जुलूस निकाला जाता है सड़कों पर भीड़ उमड़ पड़ती है ।जिसे कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है फिर भी लोग हर्षौल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं और 11 वें दिन प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मांड निरंतर परिवर्तन की स्थिति में है और अंततः निराकारता ही रह जाती है।
5. इस त्यौहार पर विशेष रूप से भगवान गणेश के पसंदीदा मोदक, पेड़े, पूरन पोली और अन्य मिठाइयां बनाई जाती है लोग इन मिठाइयों को बनाकर भगवान को भोग भी लगते हैं। और ये खाने में काफी स्वादिष्ट होती हैं। इन दिनों मिठाई की दुकानों पर भीड़ देखने को मिलती है लोग तरह-तरह की मिठाइयां घरों में भी बनाते हैं। घर के बाहर व सड़कों में भी खूबसूरत रंगोली बनाई जाती है जो की देखने में काफी आकर्षक होती है।
इस तरह से गणेश चतुर्थी का व्रत बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है भगवान गणेश बुद्धि व समृद्धि के देवता है इस त्यौहार को हर्षो उल्लास के साथ पूरे देश में मनाया जाता है।
अगर आप भी गणेश चतुर्थी पर घर पर स्वादिष्ट मिठाइयां बनाना चाहते हैं तो इसकी रेसिपी आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं यहां आपको स्वादिष्ट मिठाइयां बहुत ही आसान और कम मेहनत में बनाने की विधि बताई गई है वह भी स्पष्ट मात्रा के साथ।

No Syrup, No Fuss – Just Delicious Besan Ke Laddu | 10 स्टेप्स में बनाएं दानेदार बेसन के लड्डू
No Trouble, Just Delight In 5 Mins- Delicious Mango Coconut Balls | होममेड मैंगो कोकोनट बॉल्स
Delicious Rajasthani Ghewar | पारंपरिक जालीदार घेवर,पहले (1) प्रयास में बनाएं
तो आपको गणेश चतुर्थी व्रत और पूजन का शुभ मुहूर्त, गणेश चतुर्थी और गणेश जयंती के बीच अंतर, व्रत से जुड़े रीति रिवाज और गणेश चतुर्थी पर घर पर स्वादिष्ट मिठाइयां के बारे में जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं जो लोग गणेश चतुर्थी का व्रत करते हैं उन्हें गणेश चतुर्थी व्रत की संपूर्ण जानकारी जरुर शेयर करें। ऐसी ही त्योहारों से जुड़ी जानकारियां, झटपट रेसिपीज, स्वादिष्ट मिठाइयों के बारे में जानने के लिए हमारे पेज को फॉलो करें।